हम सब अलग अलग
फ़िर भी एक से किस्से
सब एक लंबी कहानी के
छोटे छोटे हिस्से
Shakespeare ने कहा है
“All the world’s a stage,
And all the men and women merely players”
‘Players?’ मतलब खिलाड़ी!
कलाकार भी हो सकता है किसी ने सोचा ही नहीं
कैसे सोचे?
सोचने वालों को तो हमने ग़लत बता दिया
सवाल करने वालों का, उनके सवालों का
हमने गला घोटा और दफना दिया
बस बैगपाईपर को सुनते गए
चूहों की फौज की तरह उसके पीछे पीछे चलते गए
हरिवंश राय बच्चन जी ने भी कहा था
“मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती”
पर किसी और की तरह की जाए तो सफलता बार बार नही होती
अपना खिताब पाना चाहते हैं
और दूसरों की सफलता को ताकते हैं
अजी तैयार होते वक्त
क्या दूसरे के शीशे में झांकते हैं?
करते हो ना?
मुक्काबला इसका भी?
परखते हो ना?
सुंदरता इस चेहरे की?
ये सुरमा, ये लाली
किसके चेहरे का रंग क्या है
दूर खड़े ही आंक लेते हो
किसकी चाल का ढंग क्या है
नाम क्या है?
अरे नाम क्या है? नाम में रखा क्या है
काबीलियत है हममें भी
जताना किसे है?
नाम आखिर
बनाना किसे है?
हम तो खुश हैं दूसरों का नाम बनते देख
उन्हे कोई सर पर बैठने वाला चाहिए
वह जाएं, छुएं ऊंचाइयां
यहां कोई ताली बजाने वाला चाहिए
सही है!
बिलकुल सही है
ताली बजाना है सारी उम्र
अपना कुछ खर्चना नही है
ख्वाब जो देखे वह भी किराए के हैं
अपना कुछ नही है
क्यूं? सही है ना?
नही क्या?
बोलो ना क्या हुआ?
बुरा लगा?
बदलना है?
आसान है क्या?
वह क्या है ना
आदत लग गई है आसानी की
उठाना चाहते नही
परेशानी कोई
पर!तुम
मुश्किलों से कब से डरने लगे?
आसान रास्तों पर
कबसे चलने लगे?
किसी ने कह दिया तुम्हे कुछ?
हां?
या सोच लिया खुद ही
खुदके बारे में बुरा भला
किसने क्या कहा क्या लिखा
हां माना सबकी एक ही कहानी है
पर मोड़ क्या होंगे तुमहरी कहानी के
बात ये तो तुम्हे ही बतानी है
देखो!ध्यान से देखो
तुम्हारे हाथ में भी कलम है
सच है भाई
तुम्हे लग रहा भरम है?
देखी नही ना इससे पहले
दिखी भी अगर तो नज़रे हटा ली
अरे! उठाओ उसे
बदल दो स्याही
नया कागज लो
लिख दो जो लिखना है
जो भी ख्वाब है तेरा
दिल में लिए जो
खयाल अपना है
बोलो?
चलो सोच लो
कलम तुम्हारे हाथ में है
कागज़ भी है, यह रखा है
छोड़े जाती हूं जाते जाते
देर लगेगी तुम्हारी कहानी आते आते